ढोला-सदिया पुल
ढोला-सदिया पुल Dhola-Sadiya bridge | |
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लोकेशन | 27°47′55″N 95°40′34″E / 27.79861°N 95.67611°Eनिर्देशांक: 27°47′55″N 95°40′34″E / 27.79861°N 95.67611°E |
पार करे ला | लोहित नदी (ब्रह्मपुत्र नदी के सहायक) |
जगह | तिनसुकिया, आसाम, भारत |
ऑफिशियल नाँव | भूपेन हजारिका पुल |
नाँवधराई | भूपेन हजारिका |
मेंटेनेंस | सड़क परिवहन मंत्रालय आ नवयुग इंजीनियरिंग कं॰ लि॰ (पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप में) |
बिसेसता | |
कुल लंबाई | 9.15 किमी (5.69 मील) |
चौड़ाई | 12.9 मी (42 फीट) |
सभसे लमहर खंड | 50 मी (160 फीट) |
खंड सं. | 183 |
इतिहास | |
बनावे सुरू | नवंबर 2010 |
पूरा भइल | 10 मार्च 2017 |
खोलल गइल | 26 मई 2017 |
ढोला-सदिया पुल, ऑफिशियल नाँव भूपेन हजारिका पुल, भारतीय राज्य आसाम में ब्रह्मपुत्र नदी के सहायिका लोहित नदी पर बनल पुल बा जे आसाम आ अरुणाचल प्रदेश के कनेक्टिविटी बेहतर बनावे खातिर बनावल गइल बा। ई पुल 26 मई 2017 के आवागमन खातिर खोल दिहल गइल आ अब ई भारत के सभसे लंबा पुल बाटे।[1] ए पुल के कुल लंबाई 9.15 किलोमीटर बाटे आ ई एशिया के दूसरा सभसे लंबा पुल भी बा।[2] हालाँकि, जल्दिये, बिहार में गंगा नदी पर महात्मा गाँधी सेतु के जगह लेवे खातिर बन रहल नया गंगा पुल जे 9.8 किलोमीटर के लंबाई वाला प्रस्तावित बा[3], भबिस्य में भारत के सबसे लमहर पुल होखी।
निर्माण आ खर्चा
[संपादन करीं]पुल के काम मनमोहन सिंह सरकार के योजना के रूप में[4] साल 2011 में सड़क परिवहन अउरी हाइवे मंत्रालय द्वारा पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप (पीपीपी) के तहत नवयुग इंजीनियरिंग कंपनी लिमिटेड के साथ मिल के शुरू कइल गइल।[5] पुल के दिसंबर 2015 में चालू हो जाए के रहल बाकी फिनिशिंग के काम में बहुत अकाज भइल। एह प्रोजेक्ट पर कुल खर्चा 10 बिलियन रुपया के बइठल आ पुल के निर्माण में साढ़े चार बरिस के समय लागल। ई भारत के बांद्रा-वर्ली समुंद्री लिंक के पुल से 3.55 किलोमीटर ढेर लमहर बाटे आ आ बन अब भारत के सभसे लमहर पुल बा।[6]
ढोला-सदिया पुल परियोजना के कुल लंबाई दूनों तरफ के सड़कन के मिला के कुल 28.50 किलोमीटर बाटे आ पुल के लंबाई 9.15 किलोमीटर बा।[7]
पुल के उद्घाटन 26 मई 2017 के भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा कइल गइल।
लाभ
[संपादन करीं]आसाम आ अरुणाचल प्रदेश के बीच में संपर्क के बीच ब्रह्मपुत्र नदी के बहुत बिसाल चौड़ाई अबतक ले बाधक रहल बा। वर्तमान में जहाँ ई पुल बनल बा, नदी पार करे के तरीका नाइ द्वारा रहल हवे आ इहो खाली दिन में, आ बाढ़ के समय नाइ भी ना चलत रहल हियऽ। ब्रह्मपुत्र नदी पर आसाम में बनल अंतिम पुल तेजपुर के कालियाभोमोरा पुल रहल। अब आसाम आ अरुणाचल के बीच एह नया पुल के बन जाए से 24x7 संपर्क सुनिश्चित हो जाई।
एह पुल के बने से नेशनल हाइवे-37 पर मौजूद आसाम के रूपाई आ नेशनल हाइवे-52 पर मौजूद अरूणाचल प्रदेश के मेका/रोईंग के बीच 165 किलोमीटर के दूरी कम हो जाई आ वर्तमान में जहाँ ई दूरी पार करे में 6 लागे ला, आगे से 1 लागी आ रोज-रोज पेट्रोल आ डीजल में लगभग 10 लाख रूपया के बचत होखी।
ढोला-सदिया पुल के बन जाए से पूर्वोत्तर में विकास में तेजी आई, सुदूर आ पिछड़ा इलाका भी सड़क मार्ग से जोड़े के मोका मिली आ अरूणाचल प्रदेश के सीमा वाला क्षेत्र में देस के सामरिक जरूरत सभ के भी पूरा करी; राज्य में चल रहल कई पनबिजली परियोजना सभ के सुभीता से बनावे में मददगार होखी।[7]
इहो देखल जाय
[संपादन करीं]संदर्भ
[संपादन करीं]- ↑ "देश का सबसे लंबा पुल ढोला-सादिया जिस पर टैंक भी गुजर सकते हैं". बीबीसी. Retrieved 26 मई 2017.
- ↑ "ढोला-सादिया पुल से जुड़ी पूर्वोत्तर भारत की उम्मीदें". डायेचविले (dw). 26 मई 2017. Retrieved 26 मई 2017.
- ↑ "Bihar New Ganga Bridge Project | Asian Development Bank" (अंग्रेजी में). Adb.org. 2016-06-24. Retrieved 2017-05-25.
- ↑ तालुकदार, सुशांत (20 फरवरी 2011). "Centre committed to development of Assam, northeast: Manmohan". दि हिंदू. Retrieved 26 मई 2017.
- ↑ "A bridge too far". दि टेलीग्राफ (कलकत्ता). 7 अप्रैल 2015. Retrieved 25 जून 2015.
- ↑ Longest bridge in India provides a quick link to LAC
- ↑ 7.0 7.1 "Press Information Bureau Hindi Releases". Pib.nic.in. Retrieved 2017-05-25.